Sunday, 29 May 2016

दो चार दिन पहले मैंने अपने बाल्कनी मे रखे फूल के पौधे को नीचे के जमीन मे लगाया ।सुबह शाम पानी देने के बावजूद जब मैंने हल्के बादलों को देखा तो मैं खुशी से झूम उठी ।सहसा मेरे मन मे  ये बात कौंध गई कि मै मात्र अपने शौक से लगाए गए एक पौधे के लिए परेशान हूँ तो उन किसानों का क्या ? जिनकी पूरी जिंदगी ही खेती और बादलों पर बनती बिगड़ती  है ।मेरे देश के करोड़ो  किसानों को  मेरा शत् शत् नमन ।

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