एक दूसरी घटना भी बच्चों से ही संबंधित है ।घर के दो भाइयों में एक बहिर्मुखी होने के कारण स्कूल के हर वाद विवाद और अन्य प्रदर्शनों में अव्वल रहता था और हमेशा कप और शील्ड के साथ घर आता था जबकि छोटा भाई अंतर्मुखी होने की वजह से इससे वंचित रहता था और इस वजह से मेहमानों के सामने आने से कतराता था ।उस घर के पिता ने एक दिन छोटे भाई को एक छोटा सा कप खरीद कर यह कहते हुए दिया ये तुम्हारे स्कूल की ओर से तुम्हारे सालभर के अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया गया है लेकिन तुम्हारे टीचर ने तुम्हें किसी खास कारणवश स्कूल में बताने से मना किया है । बच्चे तो स्वभाव से कोमल और लालची होते हैं ।तो बच्चे ने इस बात को अपने स्कूल के दोस्तों से गुप्त रखा। अब बड़े भाई की जगह छोटा भाई मेहमानों का अधिक इंतजार करता और यहां भी परिणाम संतोषजनक ही रहा ।
हालांकि दोनों घटनाएं झूठ पर आधारित थी लेकिन दोनों से किसी की हानि नहीं हुई और इन्होंने ये बच्चों के विकास में जादू का काम किया।जहां तक मेरी सोच है आज भी छोटे बच्चों वाली माताएं इसे प्रयोग के तौर पर आजमा सकती हैं।
बातों के मूल में छोटे बच्चे या वयस्क उच्च मनोबल के साथ ही कोई भी एक सफल काम को पूरा कर सकता है।