Wednesday 22 April 2020

सारे संसार को कोरोना नाम के दानव ने लील लिया है  लगता है इसने मानव अस्तित्व को ही चुनौती देने का मन बना लिया है ।टी वी अखबार,रेडियो और सभी संचार माध्यमों के जरिए एकही बात कही जा रही है social distancing के द्वारा ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है ।social distancing मतलब अपने परिवार तक सीमित रहना घर से बाहर नहीं निकालना ।परिवार और घर का मतलब ? दरअसल बचपन से आज तक हमारे लिए परिवार का मतलब सिर्फ माता पिता और सहोदरों तक ही सीमित नहीं था ।हमारे लिए परिवार का मतलब दादी ,चाचा ,बुआ और सभी चचेरे भाई बहन होते थे ।इसके साथ ही हमारे परिवार में कई ऐसे लोग भी शामिल थे जो हमारे निकटस्थ संबंधी न रहते हुए हमारे लिए अपनों से बढ़कर थे ।कई बार हमने कई बातें माँ से न कह कर चाची से कहा है ।कभी भी हमने माँ को किसी भी तरह से अपने बच्चों और हमारे चचेरे फुफेरे भाई बहनों में फर्क करते नहीं देखा । बाद में जब शादी हुई तो कहने को दो भाई बहन का छोटा सा परिवार था लेकिन यहां परिवार का दायरा वहां से भी विस्तृत ।कभी ये पता ही चला कि ये मेरी अपनी ननद है और ये  अपनी नहीं ।बीमारी कोई एक हुआ पूरा परिवार तीमारदारी को तैयार । लेकिन धीरे धीरे मैंने ये गौर किया कि हम जैसों की संख्या अब घटती जा रही है लोग अपने आप में सिमटते जा रहे हैं ।अपने और पराए की दीवार अब सबके बीच खिंचती जा रही है ।परिवार का मतलब सिर्फ अपने ही बाल बच्चों तक सिमट कर रह गया ।दादा दादी ,चाचा और बुआ  की गिनती कभी कभी आने वाले मेहमानों में होने लगी । जहां पहले लोगों से घर भरा रहता था वहां एक दिन भी किसी का आना खलने लगा । यहां मैं जिक्र करना चाहूंगी एक घटना का लगभग 6-8 महीने पूर्व मुझे किसी ने मेरे पटना में रहने वाले चाचा के बारे में पूछा कि "वो तुम्हारे चचेरे चाचा हैं ?मैंने कहा हां मेरे चाचा है उसने फिर कहा चचेरे हैं न ।मैंने कहा चाचा हैं  इतना काफी नहीं ।क्या कहूं जिन्हें आज तक कभी चचेरे के रूप में नहीं देखा उन्हें अचानक क्या कहूं ? हमारे मिथिला में एक कहावत है "जे रोगी के भाबे से वैद फरमाबे " अर्थात रोगी की इच्छा के अनुसार ही वैद (चिकित्सक) सलाह देता है "। लगता है लोगों के अपने आप में सिमटती हुई इच्छा को भगवान ने भांप गए और उसने मानव जाति को  इस बीमारी का शाप दे दिया  ठीक  बचपन में सुनी उस कहानी की तरह राजा की तरह जो शुरू में  वरदान था लेकिन बाद में श्राप  जो जिस चीज़ को छुए वो सोने में बदल जाए ।