Monday 4 November 2019

मेरी एक परिचिता का कहना है कि हर पति या पत्नी को चाय जरूर पीनी चाहिए क्योंकि इसी चाय के बहाने दोनों एक साथ बैठते हैं और आपस में बात चीत होती रहती है ।  ये बात  चाहे मजाक में कही गई हो या स्वास्थ्य के लहजे से बिल्कुल गलत हो लेकिन अगर इस बात के सकारात्मक पहलू की ओर से सोचे तो यकीकन  इसके पीछे की मूल बात है कि आपसी रिश्तों में संवाद का महत्व । इस विषय में जनसाधारण की सोच मैं नहीं जानती लेकिन
इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है कि आज के समय में लोगों में  संवादहीनता ने एक बड़ी समस्या का रूप ले लिया है । आज मैंने पेपर में श्री एन रघुरामन का पोस्ट पढ़ा जिसमें उन्होंने मुंबई के लोकल ट्रेन की बात रखी थी जहाँ लोग अपने मोबाइल में इतने तल्लीन थे
कि न तो वे आने वाले स्टेशनों के बारे में कुछ जान रहे थे और न ही अपने अगल बगल यात्रियों को देख पा रहे थे ।मुंबई तो मायानगरी है और वहां के इस तरह का बर्ताव की आशा हम सुनते आए हैं लेकिन मैंने ऐसा महसूस किया है कि आज रिश्तों में औपचारिकता बढ़ती जा रही हैं । विवादों से बचने या कई अन्य कारणों से लोगों में बात करना बहुत कम होता जा रहा है।  पहले की तरह अब शायद रिश्तों की गरमाहट घटती जा रही है ।काफी हद तक इसके लिए मोबाइल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है लेकिन इस तरह के व्यवहार के लिए मोबाइल भी एक कारण हो सकता है लेकिन  इसे भी शत प्रतिशत दोषी नहीं माना जा सकता है क्योंकि  होने वाले विकास का अच्छा और बुरा दोनों ही प्रभाव होता है और इसी के द्वारा हम संबंधों को खत्म करने की बजाय बढ़ा भी सकते हैं । अगर किसी को ये लगता है कि अगर हम किसी से बात न करें तो इससे हम होने वाले बहस या मतभेद से बच सकते हैं तो मुझे तो ये लगता है कि इस प्रकार की चुप्पी से मतभेद और बढेंगे ।एक ही घर में रहने के बाद भी एक दूसरे से औपचारिक तौर से मिलना या फिर कई बार महीनों  या सालों बाद मिलने पर भी रिश्तों में गंभीरता।निश्चित रूप से इस तरह की संवादहीनता अच्छी नहीं कही जा सकती है ।पश्चिमी देशों की अंधी दौड़ में अपने पारिवारिक संस्कार को छोड़ना हर एक मसले पर सही नहीं कह सकते । जब हम आपस में खुशियां ,तनाव और मुश्किलों को साझा नहीं करेंगे तो निश्चय ही कई मानसिक और शारीरिक व्यधियों का शिकार बनेंगे । आपस में कहकहे न लगा कर योगासन के रूप में झूठे ठहाकों का साथ हमें खुशी नहीं दे सकता । बात करें ,खूब हँसे और अगर  किसी तरह की शिकायत है तो उसे खत्म करें वो चाहे बहस करके हो या झगड़े से लेकिन किसी भी तरह से आपस की संवादहीनता को अपने बीच नहीं आने दे।