Friday, 19 May 2017

नेना स बियाह तक क सफर म कोनो कोनो  लोक हमर सभक जीवन म एहेन होई  छै जेकर स्मृति हर एक डेग पर आबि जाए छै ।हमर सभक बाबा ।बहुत पैघ भेला क बाद पता चलल ज ओ पपा क  बाबू नै कका रहथिन ।बच्चा म हुनकर छवि एकटा अत्यंत अनुशासन प्रिय मनुख क लगैत रहै ।छुट्टी म जखन दरभंगा डेरा पहुँचत रहि हम सब ,सब बेर बाबा क दूर स  बरंडा पर ठार देखियन ।रिकशा रुकैत देरि जोर से हँसैत दाइ क कहथिन यै ,मुंशी जी आबि गेला ।पपा क मुंशीजी कहैत रहथिन ,किया और कहिया स पता नहीं । सब बेर बबा क बाहर म ठार देखियन त हुए ज केना बुझि जाए छेथीन बबा आबि क समय ।जहिया छोट रहि बड्ड तामस उठेत रहे बबा क अनुशासन देख क ।की सब नै करबाक छै तेकर एकटा लंबा लिस्ट लगैत रहे लेकिन आब जेखन अपने अभिभावक भेनाइ बुझल भेल बुझि गेलिये ज कत्तई कठिन छै ,बच्चा सब क सही राह पर चलेनाइ ।एखनो ज कोनो अवंड बच्चा क देखइ छियै त होइये ज एकरा बबा क गार्जियनशिप क जरूरत छै ।आइ पपा सब भाई क परिचय हुनकर सब क पद क संगे केकरो दई छिये त एकता गर्व के अनुभूति होइत अछि ।शिक्षा क मामले म बबा बहुत बेसी
सचर रहैत ।हमर पुतोहु सब मैट्रिक क लैथ स हुनकर एकटा शौक तै बियाह आ बच्चा भेला क बाद माँ इ काज केलक ।जई समय म पर्दा और सामने ने आबि क बहुत बेसी प्रचलन रहे बबा  क सब पुतोहु सामने अबैत रहथिन आ बबा सब क अपन गप कहथिन ।एकटा गप मोन परैये  दरभंगा डेरा क बाहरवाला कोठरी म ,सेनियरटी वाइज ,पहिने ककाजी  काकी माँ,तखन माँ पपा ,फेर बरका कका काकू एहिना क सब बेटा भातिज क कनियाँ संगे बियाह के बाद क फ़ोटो देवाल पर टाँगल जेकरा बबा पाहुन क सब क शिक्षा आ पद के संगे  देखबथिन ।दोसर एकटा गप याद अबैत अछि बबा क नास्ता करै क ।बबा जलखै म भूजल चूड़ा फुला कआ दही नोन आ कनिये चिन्नी मिला क खाथिन आ खाई से पहिने जते बच्चा घर म रहे सब के बजबथिन ।हम सब गोल क के बैसिये आ बबा सब क बेरा बेरी क एक एक कौर डैथ जेकर स्वाद आई तक ने बिसरल ।
बबा सब क नाम रखथिन ओ चाहे कोनो नया बच्चा रहे हुनका बिना अर्थ क नाम नै पीसीन्द रहन ।हमरा अगर कोई पिंकी कहे त बिगड़ि जायत रहैत ओ कहैत ज पिंकी कोनो नाम छियै इ त कुकुर क नाम छियै अइ स नीक अहा अपन नाम पिनाकी राखि लिये त महादेव भ जायब ।अहा क कोई रंजना कहे तखने टा बाजू ।डेरा पर सब बच्चा मैथिली बाजे तेकर हुनका बहुत इच्छा शायद हुनके कराने हम सब भाइ बहिन मैथिली बजैत छि आ अझुका समय क बिपरीत हमर सभक बच्चों सब मैथिली बजाये आ विजातीय पुतोहु सब सेहो हमर सब के घर आबि क मैथिली बजाय लगलैत ।एक बेर बबा रांची आयल रहैत ,हम सब स्कूल जायत रहि बबा भइया क कहलखिन ज आलोक आइ पता क के आयब ज अहा क स्कूल म हमर एड्मिसन भ सकैए कि नै ,आ ओए म एडमिशन ल की सब चाहि ,हमरा इ गप्प बबा सुनेंने छैत ।ओ रोज़ भइया संगे स्कूल ,ड्रेस आ स्कूल जाई क गप करैथ लेकिन बबा कहलेंन ज हम त एडमिशन ल पूरा तैयार रहि लेकिन आलोक कहलक ज बबा एकटा समस्या अछि जे अहा बूढ़ ज भ गेलौं ।बहुत दिन त बबा इ बात क चर्चा करैत हँसैत रहैत ।बबा क पूजा केनाइ याद आबए आन पूजा क संगे महादेव बना क पूजा केनाइ हमरा ले एकटा कौतुक क विषय रहे कि एहेन महादेव होइ छथिन ,नोथनी झा हुनकर पूजा क ओरियान करथिन ।अइ बेर राँची गेलौ त अपन बच्चा क डिक्शनरी म जयंती भेटल ,ओए संगे सब बेर दशमी क बाद लिफाफ म हुनकर जयंती आ आशीर्वाद पठेनाइ मोन परि गेल । हुनकर आशीर्वाद आ पहिल पन्ना पर अपन लिखल एकटा दुर्गा पोथी देलैथ ज एखनो हमरा लग अछि ।आइ जखन इ लिखै ले बैसलौ त लागल ज् फेर स दरभंगा डेरा पहुंच गेलौ ।हम सब भाइ बहिन ,दाइ बरका टा भनसा घर खूब पैघ घर सब और बहुत किछ ।

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