कुछ वर्ष पहले एक पुस्तक आई , Secret ,बहुत ही उम्दा किताब ।मैंने इसे कई बार पढ़ा और अब भी पढ़ती हूँ ।इसके बारे में कहते हैं कि ये पुस्तक बाइबल के बाद पूरी दुनिया में सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साबित हुई ,निःसंदेह मैंने अपने निजी जीवन में इससे काफी लाभ महसूस किया है ।अगर कम शब्दों में कहे तो इसका सार यह है कि अगर हम अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखें तो प्रकृति हमारी मदद को अपना हाथ हमारी ओर जरूर बढ़ाएगी और मात्र सकारत्मक सोच के द्वारा हम अपने जीवन में हर वो चीज़ हासिल कर सकते हैं जो हम अपने जीवन में चाहते हैं ।ये तो सर्वविदित है कि हमारे मन में नकारात्मक सोच हमेशा हावी होने की कोशिश करती है लेकिन हम अपने प्रयासों से इसे बदल सकते हैं ।हमारे मिथिला में कहते हैं कि सत्यं नाम की देवी इस संसार में हमेशा मौजूद रहती है और हर इंसान के बोले जाने पर वो सत्य कह कर उसे सच कर देती है तो अब ये हमारे ऊपर है कि हम देवी को क्या सच करने को कहे । आप और हम लोगों के बीच रहते हैं और कई बार हमारा सामना ऐसे लोगों से होता है जो हर बात को लेकर नकारात्मक पहलू रखते हैं ।कई वर्षों पहले मेरी एक सहेली ने एक प्रतियोगी परीक्षा का फार्म भरा और काफी उत्साहित होकर उसने हम सभी को बताया उसके बताने के साथ ही हमारी एक सहेली कह उठी कि ये परीक्षा काफी कठिन है और इस में शायद तुम सफल न हो पाओ ।हम सभी के काफी उत्साहित करने पर भी हमारी दोस्त उदास हो गई ।कुछ दिनों के बाद परीक्षा हुई और नतीजा भी आया और वो उसमें असफल रही ।हालांकि ये एक प्रतियोगिता थी लेकिन मेरी उस दोस्त का सारा गुस्सा अपनी उस सहेली पर आ गया जिसका उसकी असफलता में कोई प्रत्यक्ष दोष नही था ।हम सभी को अपने दैनिक जीवन में कई समारोह में जाने का मौका मिलता है और हमारे परिवार में ही जहाँ कई लोग हर जगह से दिक्कतों की लंबी लिस्ट अपने साथ लेकर लौटते हैं वही कुछ लोग मात्र अपने साथ अच्छी यादों को समेटना जानते हैं ।इस विषय पर अनुकरणीय हैं मेरी सासु माँ ,जो पैरों से लाचार होने के बाद भी प्रत्येक समारोह से लौट कर हर जगह की मात्र प्रशंसा करना जानती है ।तो मेरी अल्पबुद्धि के अनुसार , केवल सोच ही नहीं हमारी बोली भी ऐसी हो जो सामने वाले को तत्काल थोड़ी खुशी तो दे दे।
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