Saturday, 5 June 2021

आज विश्व पर्यावरण दिवस है । सरकार अपने साथ साथ लोगों से भी  अपील करती है कि वो  पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ लगाए ।धीरे धीरे लोग गाँवों से शहरों में  आए और बड़े बड़े घरों की जगह अपार्टमेंट्स में रहने लगे ।पेड़ों और पर्यावरण बचाने संबंधी शौक को घरों के  बॉलकोनी में  गमलों में छोटे छोटे पौधों को लगाकर पूरा करने लगे ।तीन साल पहले हमने अपने अपार्टमेंट के पेंट होने के बाद उन पेंट के डब्बों में अपार्टमेंट के छोटे छोटे बच्चों से कुछ पेड़ों को लगवाया था ।किस्मत से उनमें से कुछ पेड़ लग गए और कंक्रीट के इस जंगल में थोड़ी बहुत हरियाली आ गई ।इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए हमने पिछले lockdown में छोटी सी कोशिश की ।हमारे अपार्टमेंट के पिछले हिस्से में लगभग 5 फ़ीट चौड़ी ×100 फीट जमीन  है । जिसका इस्तेमाल  खाली होने के कारण गत बीस सालों से मात्र कचरा फेंकने के काम आ रहा था ।साल में दो तीन बार उसकी सफाई कराई जाती लेकिन कुछ ही दिनों में उसकी फिर से वैसी ही हालात हो जाती थी । पिछले लोकडौन में हमने(हम दोनों पति पत्नी ने) धीरे धीरे उस जमीन की सफाई का काम शुरू किया  और उसमें छोटे छोटे फूलों के पौधों को लगाया ।शुरू के दिनों में हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जब लोगों के कूड़ा फेंकने की आदत के कारण हमें एक ही हिस्से को बार बार साफ करना पड़ता था लेकिन धीरे धीरे उस गंदी पतली गली में लोगों ने अपने आप कूड़ा फेकना बंद कर दिया और गर्व के साथ कह सकती हूं  आज उस गली में जहां अड़हुल ,गेंदा जैसे मौसमी फूल खिलने लगे  हैं वहीं पपीता और करी पत्ता के पेड़ भी लग गए हैं  और उस छोटी सी गली को हमने हरा भरा कर दिया हालांकि ये बहुत छोटी सी जगह है लेकिन किसी भी  बड़े काम की शुरुवात छोटे से ही होती है । 
यहां एक बात ध्यान देने की है कि मात्र घरों के अंदर या छतों पर गमलों में फूलों के पौधों को लगा कर हम अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं कर सकते बल्कि  अपार्टमेंटस में नीचे के कुछ हिस्से या घरों  के  आँगन में पेड़ों को थोड़ी सी जगह जरूर दें अन्यथा थोड़े दिनों के ऑक्सीजन की कमी ने हमें चेतावनी दे दी है।


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