दुनिया में सबसे आसान है दूसरों की गलतियों पर हँसना या उसकी आलोचना करना और उन्हें भाषण (उपदेश) देना और सबसे कठिन कार्य है स्वयं को साबित करना ।अच्छी जीवन शैलीे की बहुत सी बातें शास्त्रों में लिखी गई है ,बहुत सी बातें हमारे श्रेष्ठ महात्मा कह गए हैं जो जन साधारण को सहज रूप से मालूम है ।यथासंभव सभी उनका पालन करना चाहते हैं लेकिन कई बार हम कई प्रयासों के बाद भी अनेक गलती कर बैठते हैं औऱ लोगों की आलोचना का हिस्सा बन जाते हैं पता नहीं इस बात को कितने लोगों ने महसूस किया है हमारी इन गलतियों पर हमारे सबसे बड़े निंदक वे लोग ही होते हैं जिन्होंने खुद ऐसी ही गलतियों को कई बार किया है वैसे भी ये बात तो सर्वथा सच है कि अगर हमारी पूरे हाथ की एक तर्जनी दूसरों की ओर उठती है तो शेष चार उंगली का रूख हमारी ओर ही होती है लेकिन अब संत कबीर तो हमें " निन्दक नियारे राखिये" जैसी सलाह देते हैं चलो ठीक है positive thinking , उपाय भी क्या है 😢😢
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