जब किसी बाबा का पर्दाफाश होते देखती हूँ तो मन में ये उम्मीद जगती है कि ये शायद बाबा
देश के अंतिम बाबा हो जो जनता को बेवकूफ बना रहे हो ।दस दिन नहीं बीतते हैं कि फिर एक बाबा हाज़िर ।शायद लोगो में अपनी समस्याओं का निदान जल्द करवाने की होड़ ही इन रक्तबीज बाबा को जन्म देती है । लेकिन यहां मुझे ऐसा भी लगता है कि इन बाबा को भी मोहरों की तरह इस्तेमाल किया जाता है और इनकी काली करतूतों के पीछे एक रैकेट होता है जो इतने बड़े स्तर पर धन ,वासना और भक्ति का जाल बिछाकर रखता है ।सोचने वाली बात यह है कि क्या सिर्फ एक व्यक्ति इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित कर सकता है ?
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