काफी दिनों से मुझे एक बात बार बार अपील कर रही है कि क्या मानवीय संवेदना और अपने संबंधियों के इतर मानव मात्र के लिए दया का भाव अब सिर्फ गरीबों के हिस्से में है। मैंने अपने दैनिक जीवन में इस बात का अनुभव नजदीक से किया है अगर आप कहीं जा रहे हैं और आपकी दुपहिया या चारपहिया खराब हो गई या आप दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर पड़े तो शर्तिया आपकी गाड़ी या दुपहिया को धकेलने के लिए कोई गरीब ही सामने आएगा ।किसी सुनसान जगह पर अपनी गाड़ी के खराब होने पर आप लाख हाथ हिला ले कोई गाड़ीवाला शायद ही रुके ।ये अलग बात है कि अक्सर हॉरर फिल्मों में भूतों का शिकार भी गाड़ीवाले ही होते हैं न कि कोई साइकल सवार 😀😂😀
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