Tuesday 15 August 2023

आज सुबह की सैर से लौटते हुए एक घर को टूटते हुए देखा। कई महीनों से ये घर खाली पड़ा था सुनने में आया था कि ये घर अपार्टमेंट के लिए किसी बिल्डर को दे दिया गया है।इस घर में एक प्रोफेसर साहब रहा करते थे और उनकी वाइफ बच्चों की ट्यूशन लिया करती थी संयोगवश दोनों बेटियों के पढ़ाई के सिलसिले में मैं अक्सर उनसे मिलती रहती थी तो हमारा संबंध काफी घरेलू बन गया था। सच कहूं तो एक बार में अच्छा नहीं लगा देख कर ,किसी भी घर से बहुत सी यादें जुड़ी होती है न जाने कितनी बार टीचर्स डे के मौके पर इस घर के छोटे से बरामदे ने स्टेज की भूमिका निभाई थी और इसी घर में न जाने कितनी ही बार मैडम से मैंने किशोरवय बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ  कई अन्य मसलों पर सलाह भी ली, ये तो  एक निजी मकान है वैसे बुरा तो उस वक्त भी लगा था जब मैंने R block के सरकारी घर को तोड़ कर नई इमारतें बनते हुए देखा ।पापाजी (ससुर ) सरकारी नौकरी में थे और उन्हें R block का बड़े से कंपाउंड वाला सरकारी क्वार्टर मिला था उसी घर से परिवार की कई शादियां हुई मेरी  दोनों बेटियों  का बचपन भी  उसी घर में गुजरा । उसी तरह प्रोफेसर साहब काफी दिनों से वहां रहते थे तो जाहिर सी बात है कि बेटे और बेटी की शादी भी उन्होंने उसी घर से किया था ।समय बीतता गया उनके दोनों बच्चे अपनी अपनी जिंदगी में सेट हो गए ।बाद के वर्षों में जब भी मेरी बेटियां आती लगभग तब ही उनके साथ मैं भी उस परिवार से मिल पाती और कई बार मैडम को बढ़ती उम्र और घरेलू परिचायको की अनियमितता के कारण घर की साफ सफाई और रख रखाव के लिए परेशान देखती ।
   वहीं रांची में मेरे  पापा के जाने के बाद मां का  घरेलू सहायिकाओ के सहारे रहने के कारण हम तीनों भाई बहनों का रांची जाने का क्रम बढ़ गया है और वहां की हर यात्रा में कॉलोनी का हर तीसरा मकान तोड़ कर नया बनता दिखाई देता है। धीरे धीरे वहां की कॉलोनी के अमूमन सभी के बच्चे नौकरी और शादी  के सिलसिले में बाहर निकल गए हैंऔर बूढ़े माता पिता जो अपने पुराने लेकिन शौक से बनवाए मकान में रहते हैं ।यह स्थिति कमोवेश प्राय हर जगह पर देखी जा सकती है । इस मामले में जिनकी दूसरी पीढ़ी संयोगवश माता पिता के साथ में रहती है उनके साथ इस तरह की समस्या नहीं आती ।  
अब अगर इसी विषय को बेटे बेटियों की ओर से सोचा जाए तो उनके लिए ये समस्या काफी बड़ी है क्योंकि विवाह , परिवार और नौकरी  के कारण उन्हें माता पिता को छोड़ कर  दूर जाना ही पड़ता है और धीरे धीरे उनकी व्यस्तता बढ़ती जाती है नतीजन वो छोटी बड़ी बातों के लिए आ नहीं पाते है ,वहीं मकान को भी पुराने होने के बाद बार बार मरम्मत की ज़रूरत होती है ।इसके साथ ही कोई भी बड़ा घर बाद के वर्षों में बुजुर्गो के लिए रख रखाव के साथ साथ सुरक्षा के लिहाज से भी परेशानी का कारण बन जाता है। ऐसे में हाल के वर्षो में अपार्टमेंट बनाने वाले बिल्डरों के द्वारा लोगों के सामने एक अच्छा  विकल्प रखा गया है भले ही कुछ लोगों को खुले और बड़े से घर में रहने के बाद फ्लैट में रहना पसंद नहीं आता है लेकिन जहां तक मैं सोचती हू व्यवहारिक दृष्टिकोण से इस मसले पर सोचा जा सकता है। जहां अपार्टमेंट्स आपको आपकी जरूरत के हिसाब से कई सुविधाएं देता है  वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी विचारणीय है। 
तो बदली हुई परिस्थितियों के साथ बदलना कई बार अच्छा फैसला होता है वैसे भी हमारे मिथिला में कहावत है "नब घर उठे पुरान घर खसे" ।
 
   

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