Thursday, 15 October 2020
पूजा संबंधी एकटा आउर जिज्ञासा ,पूजा कत्ती काल करि ? किछ लोक क पूजा म मोन लगैत छै लेकिन हमरा बुझने एकर निर्धारण वयस ,समय आ स्थिति पर छै ।मिथिला म बियाह संगे गौरी क पूजा होइ छै ओना कत्ते गोटा बियाह स पहिने स इ पूजा करै छै लेकिन बियाह क बाद एकर अनिवार्यता होए छै अर्थात कोनो कनिया बियाह क बाद नहा क पहिने गौरी क पूजा करू तखन किछ खाओ ओना परिस्थितिवश कोई आन ओइ गौरीक पूजा करथिन अर्थात ओ गौरी अपूज्य न रहती ।अई म हम अपन अनुभव share करै छी ज बियाह क तुरंत बाद ,पहिने स पूजा करै क अभ्यास नै रहे तै जोर स भूख लागि जाए आ चाह क अभ्यास नै रहे बेसी काल सासु माँ कहैत जे अहा खा लिअ हम अहा क गौरी क पूजा कअ देब ।परिवार पैघ रहे त कएक बेर हुनका लोक टोकि डाइत रहेन कि अहा किया हुनकर पूजा करै छियैन त ओ कहथिन ज अखन बच्चा छैथ आ बच्चा बुच्ची कम्मे पूजा करे छै अवस्था हेतैन त अपने करअ लगती ।ओना हमर अलावा अगर कोनो कम वयस क लोक क बेसी पूजा करैत देखथिन त कहथिन जे अखन अहा क वयस एतेक पूजा करै क नै अछि परिवार क देखब पहिल पूजा अछि । जहां तकअपन नैहर स कोनो पूजा सीखै क बात त अइ मामला म हमर माँ पापा क बहुत पुरान विचार अर्थात सासुर क कोनो बात , विध या पूजा पाठ म कोनो हस्तक्षेप नै ।माँ क कहब जे साउस कहे छैथ से करूं । 2011 म हम सब अपन साउस ससुर आ माँ पापा क लअ क पुरी गेल रही ।ओइ ग्रुप म सबसे बेसी प्रसन्न पापा रहैत लेकिन जखन हम सब पुरी क मंदिर पहुँचलौ त मूर्ति क समक्ष पापा गोर लागि क तुरंत कात म ठार भअ गेलत माँ हुनका कहलकैंन जे एतेक जल्दी गोर लागि लेलौ ठीक स गोर लगितोउ नै ,त सहज हुनकर जवाब रहेन जे हमर सबटा बात भगवान के बुझल छैन तै बरि काल गोर लगै क कोन काज ।पापा क कहियो कतौ बरि काल गोर लगैत नै देखियेन । पुनः अपन सासु माँ क बात पर पहुंचे छी जे हुनका रहैत कहियो इ बुझबे नै केलौ जे आब अवस्था भेल आ पूजा करबाक चाही अर्थात सब दिन बच्चे रहि गेलौ ।कहे छै जे माय बाप लेल लोक सब दिन बच्चे रहैय त दु बरख पहिने पापा क गेला स आ दू मास पहिने सासु माँ क गेला स अचानक लागि रहल अछि जे आब पैघ भअ गेलौ आ माथ पर स धीरे धीरे रक्षा कवच हटल जा रहल अछि ।
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